हर पल नई दिल्ली-जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में अमेरिका द्वारा मान्यता देने के फैसले का मुस्लिम जगत के साथ यूरोप में तीखा विरोध हो रहा है,इस बीच इस फैसले से नाराज अरब लीग ने शनिवार को सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई है.अमेरिकी फैसले पर तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने अमेरिका को चेतावनी दे है ।
एर्दोगान ने कहा कि अमेरिका आग से न खेले वरना आग की अंगेठी में फेंक देंगे। उन्होंने इस फैसले को आतंकवादी को बढावा देने वाला भी बताया है.गुरुवार को ग्रीस की यात्रा के लिए जाने से पहले अंकारा में हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा आख़िर ट्रम्प क्या करना चाहते हैं? एर्दोगन ने कहा कि ये कदम हद पार करने जैसा है।उन्होंने कहा, “मिस्टर ट्रंप, येरूशलम मुस्लिमों के लिए लक्ष्मण रेखा की तरह है.” एर्दोगन ने इस मसले पर 13 दिसंबर को इस्लामिक देशों की बैठक बुलाई है।बैठक में अमेरिकी कदम से पड़ने वालों प्रभाव पर चर्चा की जाएगी।
तुर्की ने इजरायल से कूटनीतिक संबंध तोड़ने की भी धमकी दी है।तुर्की के अलावा ईरान ने भी अमेरिका के खिलाफ सभी मुस्लिम देशो को एकजुट होकर फिलिस्तीन को समर्थन देने का आह्वान किया है।ईरान के कट्टर विरोधी देश सऊदी अरब,मिस्र और यूनाइटेड अरब अमीरात ने भी अमेरिकी फैसले का विरोध किया है।
हलाकि अमेरिकी फैसले पर इजरायल में ख़ुशी का माहौल है,इजरायली पीएम बेंजामिन नेतान्याहू ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है और दावा किया है कि अमेरिका के तरह अन्य देश भी येरुसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देंगे। यहाँ आपको बता दे येरुसलम पर फिलिस्तीन का दावा रहा है और अमेरिकी एलान के बाद स्वतंत्र फिलिस्तीन के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो गया है।येरुसलम इस्लाम,इसाई और यहूदी तीनो धर्मो का पवित्र शहर माना जाता है।
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