समाजवादी पार्टी से रामपुर से सांसद तथा अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव सरकार में मंत्री रहे आजम खां को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज मंगलवार को जमानत दे दी है। आजम खां के साथ उनकी विधायक पत्नी डॉ. तजीन फात्मा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को भी जमानत दे दी है। कोर्ट ने डॉ. तजीन फात्मा तथा अब्दुल्ला आजम खां को तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है, जबकि आजम खां को इस केस के शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खां के बेटे के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले और उनकी पत्नी डॉ तंजीन फातिमा व बेटे अब्दुल्ला आजम खां की दो मामलों में जमानत मंजूर कर ली है।
अब्दुल्ला आजम खां का कहना था कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए, वहीं तंजीन फातिमा का कहना था कि महिला होने के कारण जमानत मंजूर की जाए। इसलिए दोनों को तत्काल और आजम खां को शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया गया है। हालांकि इन दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद भी सपा सांसद मोहम्मद आजम खां को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। क्योंकि उनके खिलाफ दर्ज चार अन्य मुकदमों में अभी उन्हें जमानत नहीं मिली है। मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। ये दोनों मामले अब्दुल्ला आजम के पैनकार्ड और पासपोर्ट से जुड़े हैं। दो अन्य मामले रामपुर जिला न्यायालय में विचाराधीन हैं। ये मामले शत्रु सम्पत्ति से जुड़े हैं। चारों मामलों में जमानत मिलने के बाद ही उनकी रिहाई संभव हो सकेगी। मोहम्मद आजम खां के अधिवक्ता सफदर अली काजमी ने बताया कि आजम खां के खिलाफ कुल 90 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें अब तक 86 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। चार ऐसे मामले हैं जिनमें अभी जमानत नहीं मिल सकी है।। यह लोग सीतापुर जेल में 27 फरवरी से निरुद्ध हैं। इस तरह जेल में इन्हें साढ़े सात महीने हो गए हैं। जेलर आरएस यादव ने बताया, सांसद आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला जेल की हाई सिक्योरिटी वाली बैरक संख्या-एक में हैं, जबकि उनकी पत्नी महिला वार्ड में निरुद्ध हैं
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