मुस्लिम बचाओ - सपा भगाओ
आज मोहल्ला नई सराय में मुस्लिम समाज के लोगो ने मुस्लिम बचाओ-सपा भगाओ , आज़म बचाओ -सपा भगाओ कार्यक्रम के अंतर्गत समाजवादी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा स्पा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के विरुद्ध नारेबाजी की । मोहल्ले वासियो के हाथ मे तख्तियां थी जिन पर आज़म खान ज़िनफ़बाद, नई सपा मुस्लिम सफा, मुस्लिम बचाओ सपा भगाओ, नई सपा मुस्लिम विरोधी आदि नारे लिखे हुए थे।
मुस्लिम समाज के वक्ताओ ने कहा यदि मुस्लिम और आज़म खान को बचाना है तो समाजवादी पार्टी को भगाना होगा। वक्ताओ ने अभी 2022 के विधानसभा चुनाव में 99 प्रतिशत मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को वोट दिए और अखिलेश यादव की 95 फीसदी सीटें मुस्लिम वोटों की बदौलत आई हैं। लेकिन इसके बाबजूद भी अखिलेश यादव मुसलमानो पर हो रहे अत्याचारों व आज़म खान के मामले में मौन है और मुसलमानों व मुस्लिम नेताओ से दूरी बनाए हुए हैं । समाजवादी पार्टी व अखिलेश यादव ने आजम खान के साथ न्याय नहीं किया। आजम खान बहुत बड़ी मुसीबत में हैं उन पर 100 से भी ज्यादा झूठे मुकदमे लगाये गए हैं और सपा व उसके मुखिया अखिलेश यादव ऐसे समय में आज़म खान का साथ देने की जगह दूरी बनाये हुए है । अखिलेश यादव को मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। आजम खां का पूरा परिवार जेल में डाल दिया गया इसके बाबजूद भी अखिलेश यादव नहीं बोले। आजम खां ढाई वर्ष के लम्बे समय से सीतापुर की जेल में बंद है, लेकिन अखिलेश यादव को इतनी फुर्सत नहीं है कि उनका हाल लेने सीतापुर जेल जा सकें। आजम खां की बदौलत ही अखिलेश व उनके पिता मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन जब से आजम खां जेल में बन्द हैं तब से अखिलेश यादव उनसे मिलने से भी कतरा रहे हैं। अखिलेश यादव का एक भी बयान मुसलमानो के फेवर में नहीं आया है। अखिलेश यादव मुसलमानो को केवल एक वोट देने वाली मशीन समझते है। इन्हें मुसलमानो के मामलों से कोई सरोकार नही है। यदि अब मुसलमान ने अपने व अपने नेताओं के बचाब के लिए सपा को नही भगाया तो सपा मुसलमानो के लिये भाजपा से ज्यादा घातक साबित होगी।
इस अवसर पर फरदीन खान, शमशाद मुल्ला जी, भूरे मुल्ला जी, फैसल खान, चंगेज, इकबाल, ज़हर उददीन, ज़ैद खान, अथर, नूर मुहम्मद सैफी, शारिक, लईक पेन्टर, जमील खान, ताबिश,डॉ बबलू, जसीम खान, शादाब, उवेद, शानू, जमशेद, रानू,आमिर,मेराज,आकर वेग, नवेद, मुहीद, फरान, मुसर्रत अली, वशीर, समीर, शमीम, तसलीम, कल्लन आदि मौजूद रहे।
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